देहरादून- उत्तराखंड में बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव दहलीज़ पर खड़ा दस्तक दे रहा है तो दूसरी ओर प्रचंड बहुमत पाकर सत्ता में वापसी का दावा करने वाली बीजेपी के भीतर शह मात का खेल खेला जा रहा है। पार्टी में दो धड़ साफतौर पर सामने आ रहा है।एक धड़ा जो कांग्रेस से आये लोगों का है तो दूसरा पुराना भाजपाइयों का।
कांग्रेस से भाजपा में आये विधायक पार्टी में कुछ लोगों पर उपेक्षा का आरोप लगाकर और उनको पार्टी से निकालने की साजिश के तहत उनके खिलाफ ख़राब माहौल बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। इन लोगों कहना यह भी है अगर ऐसा ही मौहाल रहा तो वे कोई भी कदम उठा सकते है।
देहरादून जिले की रायपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से सिटिंग विधायक उमेश शर्मा काउ पहला चुनाव 2012 में कांग्रेस की टिकट से जीते थे, इसके बाद वे भी 2017 के चुनाव के पहले कई नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे।विधायक काउ का कहना है किस तरह से उनको सीट से बेदखल किया जाए ,इसके लिए उनके ही विधानसभा छेत्र रायपुर में उनके ख़िलाफ़ माहौल बनाया जा रहा है।
उधर, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ भी यही हो रहा है। उन्होंने कहा है कि जब हमें बीजेपी में लाया गया था तो अमित शाह द्वारा सम्मान की सुरक्षा की पूरी गारंटी दी गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनका कहना कि राजनीति में लोग सम्मान के लिए आते है, इससे बड़ी कोई चीज़ नहीं है।
बता दे कि इस मामले को हरिद्वार में पिछले महीने राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी उठाया था।यदि स्थिती यही रही तो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के भीतर किसी बड़े राजतीतिक घटनाक्रम का होना किसी तरह से हैरान नहीं कर सकता है।
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